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कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 2 अम्ल, क्षार और लवण प्रश्नोत्तर | Class 10 Science Chapter – Acids, Bases and Salts in Hindi

कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 2 “अम्ल, क्षार और लवण” के लिए शैक्षिक छवि, जिसमें रंगीन बीकर, टेस्ट ट्यूब और pH स्केल दिखाए गए हैं, और नीचे “gyan247.com” लिखा हुआ है।


 प्रश्न 1. अचार को तांबे, एलुमिनियम के बर्तन में क्यों नहीं रखा जाता ? 

उत्तर- अचार को तांबे या एलुमिनियम के बर्तनों में नहीं रखना चाहिए क्योंकि अचार खट्टे होते हैं और इनमें अम्ल (acid) पाया जाता है। यह अम्ल धातुओं से अभिक्रिया करके हानिकारक यौगिक बना देता है।

उदाहरण के लिए, अगर अचार एलुमिनियम के बर्तन में रखा जाए, तो अम्ल एलुमिनियम से क्रिया करके विषैले यौगिक बना देता है, जिससे अचार खाने लायक नहीं रहता।इसलिए अचार हमेशा काँच या चीनी मिट्टी के बर्तनों में रखा जाता है।


प्रश्न 2.मध्यान्ह भोजन करते समय थोड़ी सी सब्जी कुसुम के कपड़ो पर गिर गई I घर जाकर जब उसने उस स्थान पर साबुन लगाया तो कपड़ा लाल हो गया, इसका कारण समझाइए।

उत्तर– मध्यान्ह भोजन करते समय थोड़ी सी सब्जी कुसुम के कपड़ों पर गिर गई। घर जाकर जब उसने उस स्थान पर साबुन लगाया, तो कपड़ा लाल हो गया।

इसका कारण यह है कि सब्जी में हल्दी होती है, जो एक प्राकृतिक सूचक (indicator) है। हल्दी का रंग सामान्यतः पीला होता है और उस पर अम्ल (acid) का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।लेकिन जब हल्दी क्षार (base) के संपर्क में आती है, तो उसका रंग लाल-भूरा हो जाता है।चूँकि साबुन एक क्षार होता है, इसलिए जब उसने साबुन लगाया, तो हल्दी ने अपना रंग बदलकर लाल कर लिया।

प्रश्न 3.सुरेश एक दृष्टिबाधित छात्र है वह किन – किन सूचकों का प्रयोग कर अम्ल एवं क्षार की पहचान कर सकता है ? 

उत्तर- सुरेश, जो दृष्टिबाधित छात्र है, वह अम्ल और क्षार की पहचान के लिए घ्राण सूचकों (Olfactory Indicators) का प्रयोग कर सकता है।

इनमें शामिल हैं —

i) प्याज

ii) वैनिला

iii) लौंग तेल

ये सभी सूचक अम्ल और क्षार की उपस्थिति में अपनी गंध बदलते हैं, इसलिए सुरेश इन्हीं से पहचान कर सकता है।


प्रश्न 1.धातु की तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से होने वाली अभिक्रिया को एक उदाहरण द्वारा समझाइए।

उत्तर – धातुएँ सामान्यतः तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अभिक्रिया करके लवण और हाइड्रोजन गैस बनाती हैं।

सामान्य अभिक्रिया

अम्ल + धातु ⟶ लवण + हाइड्रोजन

उदाहरण- 

जब जिंक (Zn) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) से अभिक्रिया करता है, तो जिंक क्लोराइड (ZnCl₂) और हाइड्रोजन गैस (H₂) बनती है।

समीकरण-

2HCl (aq) + Zn (s) ⟶ ZnCl₂ (aq) + H₂↑

अर्थात्-

हाइड्रोक्लोरिक अम्ल + जिंक ⟶ जिंक क्लोराइड + हाइड्रोजन


प्रश्न 2. कैल्शियम हाइड्रोजन कार्बोनेट की हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से होने वाली अभिक्रिया का संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।

उत्तर – कैल्शियम हाइड्रोजन कार्बोनेट की हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अभिक्रिया में कैल्शियम क्लोराइड, जल और कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनती है।

संतुलित रासायनिक समीकरण-

Ca(HCO₃)₂ + 2HCl ⟶ CaCl₂ + 2H₂O + 2CO₂ ↑

अर्थात्-  

कैल्शियम हाइड्रोजन कार्बोनेट + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल ⟶ कैल्शियम क्लोराइड + जल + कार्बन डाइऑक्साइड


प्रश्न 3.अधात्विक ऑक्साइड की प्रकृति अम्लीय होती है उदाहरण दीजिए।

उत्तर-  अधातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके अम्लीय ऑक्साइड बनाती हैं।

उदाहरण के लिए — कार्बन ऑक्सीजन से मिलकर कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) औरसल्फर ऑक्सीजन से मिलकर सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) बनाते हैं। ये दोनों ऑक्साइड अम्लीय प्रकृति के होते हैं क्योंकि ये नम नीले लिटमस को लाल कर देते हैं, जो इनकी अम्लीयता को दर्शाता है। 


प्रश्न 1.निम्नलिखित में से अम्लों को पहचानिए 

HNO₃, Na₂CO₃, Ca(OH)₂, HCl

उत्तर-  अम्ल-  HNO₃ (नाइट्रिक अम्ल), HCl (हाइड्रोक्लोरिक अम्ल)


प्रश्न 2. सल्फ्यूरिक अम्ल प्रबल अम्ल तथा अमोनियम हाइड्रॉक्साइड दुर्बल क्षार हैं समझाइए। 

उत्तर – किसी अम्ल या क्षार की प्रबलता या दुर्बलता उसके आयनन की मात्रा पर निर्भर करती है। सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄) एक प्रबल अम्ल है क्योंकि यह जल में पूर्णतः आयनित होकर हाइड्रोजन आयन (H⁺) देता है। जबकि अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH₄OH) एक दुर्बल क्षार है क्योंकि यह जल में आंशिक रूप से आयनित होता है।

अत: सल्फ्यूरिक अम्ल प्रबल अम्ल है और अमोनियम हाइड्रॉक्साइड दुर्बल क्षार है।


प्रश्न 3. जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड के कुछ टुकड़ो को सूखे लाल लिटमस पेपर पर रखा जाता है तब प्रारंभ में रंग में कोई परिवर्तन दिखाई नहीं देता, किन्तु कुछ समय पश्चात् उसका रंग नीला होने लगता है, कारण समझाइए।

उत्तर – जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) के टुकड़े सूखे लाल लिटमस पेपर पर रखे जाते हैं, तो प्रारंभ में कोई परिवर्तन नहीं होता क्योंकि शुष्क NaOH आयनित नहीं होता और इसलिए OH⁻ आयन नहीं बनते। परंतु कुछ समय बाद, वायुमंडलीय नमी (जल वाष्प) के कारण NaOH घुल जाता है और हाइड्रॉक्साइड आयन (OH⁻) उत्पन्न करता है, जिससे लिटमस पेपर का रंग लाल से नीला हो जाता है।अतः जल की उपस्थिति में ही NaOH क्षारीय गुण दर्शाता है।


प्रश्न 4. ग्लूकोज और स्टार्च के जलीय विलयन अम्लीय गुण प्रदर्शित नहीं करते, जबकि सल्फ्यूरिक तथा एसिटिक अम्ल करते हैं। क्यों ?

उत्तर – ग्लूकोज और स्टार्च के जलीय विलयन अम्लीय गुण इसलिए नहीं प्रदर्शित करते क्योंकि ये जल में H⁺ आयन उत्पन्न नहीं करते। जबकि सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄) और एसिटिक अम्ल (CH₃COOH) जल में घुलकर H⁺ आयन उत्पन्न करते हैं, इसलिए वे अम्लीय गुण दिखाते हैं। अतः अम्ल वे होते हैं जो जल में घुलकर H⁺ आयन देते हैं, परंतु ग्लूकोज और स्टार्च ऐसा नहीं करते, इसलिए वे अम्लीय नहीं होते।


प्रश्न 1. क्या क्षारीय विलयन में H+ आयन उपस्थित होते हैं, अगर हाँ तो यह विलयन क्षारीय क्यों होता है?

उत्तर- हाँ, क्षारीय विलयन में H⁺ आयन उपस्थित होते हैं। हर अम्लीय और क्षारीय विलयन में H⁺ तथा OH⁻ दोनों आयन पाए जाते हैं। जब किसी विलयन में OH⁻ आयनों की मात्रा H⁺ आयनों से अधिक होती है, तब वह क्षारीय (basic) कहलाता है।


प्रश्न 2. आपके पास दो जलीय विलयन ‘A’ एवं ‘B’ है I विलयन ‘A’ का pH मान 6 एवं विलयन ‘B’ का pH मान 8 है। किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक है? इनमें से कौन – सा विलयन अम्लीय तथा कौन – सा क्षारीय है?

उत्तर – विलयन A (pH = 6) में हाइड्रोजन आयनों (H⁺) की सांद्रता अधिक होती है क्योंकि pH मान जितना कम होता है, अम्लीयता उतनी अधिक होती है। इसलिए विलयन A अम्लीय तथा विलयन B क्षारीय है।


प्रश्न 3. जूली ने जब पाँच विलयन ‘A’, ‘B’, ‘C’, ‘D’, व ‘E’ की सार्वत्रिक सूचक से जांच की जब pH मान क्रमशः 9, 7, 1, 13 एवं 6 प्राप्त हुए। इस आधार पर बताइए कि कौन – सा विलयन – 

(अ) दुर्बल अम्लीय है 

(ब) दुर्बल क्षारीय है 

(स) प्रबल अम्लीय है 

(द) प्रबल क्षारीय है 

(इ) उदासीन है 

उत्तर –

विलयन pH मान प्रकृति
A 9 दुर्बल क्षारीय
B 7 उदासीन
C 1 प्रबल अम्लीय
D 13 प्रबल क्षारीय
E 6 दुर्बल अम्लीय



प्रश्न 4. प्रश्न 3 में दिए गए आंकड़ो के आधार पर पाँचो विलयनों की हाइड्रोजन आयन सांद्रता को बढ़ते क्रम में लिखिए।
उत्तर- (अ) प्रबल अम्लीय – 1
(ब) दुर्बल अम्लीय – 6  
(स) उदासीन – 7
(द) दुर्बल क्षारीय – 9 
(इ) प्रबल क्षारीय – 13

प्रश्न 1. निम्नलिखित लवणों में से अम्लीय तथा क्षारीय मूलक पहचानिए – NH₄Cl, KNO₃, (NH₄)₂CO₃, CuSO₄
उत्तर- 
अम्लीय मूलक वाले लवण- NH₄Cl, (NH₄)₂CO₃, CuSO₄
क्षारीय मूलक वाला लवण- KNO₃

प्रश्न 2. पोटैशियम क्लोराइड के जलीय विलयन की प्रकृति क्या होगी ? समझाइए ।
उत्तर- पोटैशियम क्लोराइड (KCl) के जलीय विलयन की प्रकृति उदासीन (Neutral) होती है।
क्योंकि यह प्रबल अम्ल (HCl) और प्रबल क्षार (KOH) के संयोग से बनता है।
प्रबल अम्ल और प्रबल क्षार से बने लवण के विलयन की प्रकृति उदासीन होती है।

प्रश्न 3.वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड की अधिकता जनजीवन को किस प्रकार प्रभावित करती है।
उत्तर – वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂), सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड (NO₂ आदि) की अधिकता अम्ल वर्षा (Acid Rain) का मुख्य कारण है।
इन गैसों का उत्सर्जन मुख्यतः ईंधन के दहन, कारखानों, वाहनों, वनस्पतियों के सड़ने तथा ज्वालामुखी विस्फोटों से होता है।

ये गैसें वायुमंडलीय नमी में घुलकर निम्नलिखित अम्ल बनाती हैं —

CO₂ + H₂O → H₂CO₃
2SO₂ + O₂ → 2SO₃
SO₃ + H₂O → H₂SO₄
3NO₂ + H₂O → 2HNO₃ + NO

ये बने हुए अम्ल वर्षा के जल के साथ पृथ्वी की सतह पर गिरते हैं, जिससे —
वनस्पतियों और फसलों को नुकसान होता है,जल स्रोतों की अम्लीयता बढ़ती है,तथा इमारतों और मूर्तियों का क्षरण (corrosion) होता है।
अतः इन गैसों की अधिकता पर्यावरण और जनजीवन दोनों के लिए हानिकारक है। 

अभ्यास 



प्रश्न 1. सही विकल्प चुनिए –

(i) नींबू के रस में होंगे–
(अ) H⁺ आयन अधिक, OH⁻ आयन कम
(ब) H⁺ आयन कम, OH⁻ आयन अधिक
(स) H⁺ तथा OH⁻ आयन बराबर
(द) केवल H⁺ आयन होते हैं।
उत्तर – (अ) H⁺ आयन अधिक, OH⁻ आयन कम

(ii) जब अम्ल किसी धातु कार्बोनेट से अभिक्रिया करता है तो बनते हैं–
(अ) लवण + जल
(ब) लवण + जल + कार्बन डाइऑक्साइड
(स) लवण + सल्फर डाइऑक्साइड
(द) लवण + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
उत्तर – (ब) लवण + जल + कार्बन डाइऑक्साइड

(iii) निम्नलिखित में से प्रबल अम्ल नहीं है–
(अ) HCl
(ब) HNO₃
(स) CH₃COOH
(द) H₂SO₄
उत्तर – (स) CH₃COOH

(iv) उदासीन विलयन का pH मान होता है–
(अ) 1
(ब) 0
(स) 14
(द) 7
उत्तर – (द) 7

(v) सकीना के पेट में अम्लता के कारण जलन होने लगी, उसे आवश्यकता है–
(अ) प्रबल अम्ल की
(ब) प्रबल क्षार की
(स) दुर्बल क्षार की
(द) दुर्बल अम्ल की
उत्तर – (स) दुर्बल क्षार की

(vi) दंत क्षय का कारण है लार का pH –
(अ) 6.5 हो जाना
(ब) 7 हो जाना
(स) 5.5 से कम हो जाना
(द) 7.5 से अधिक हो जाना
उत्तर – (स) 5.5 से कम हो जाना

(vii) किस लवण की प्रकृति अम्लीय होती है–
(अ) NaCl
(ब) Na₂SO₄
(स) NH₄Cl
(द) KNO₃
उत्तर – (स) NH₄Cl


प्रश्न 2. भोज्य पदार्थों में पाए जाने वाले किन्हीं दो अम्लों के नाम लिखिए।
उत्तर – भोज्य पदार्थों में पाए जाने वाले अम्लों के नाम इस प्रकार हैं –
1. सेब (Apple) – मैलिक अम्ल (Malic Acid)
2. टमाटर (Tomato) – ऑक्सैलिक अम्ल (Oxalic Acid)


प्रश्न 3. घ्राण सूचक के द्वारा अम्ल तथा क्षार की पहचान कैसे की जाती है?
उत्तर –
घ्राण सूचक (Olfactory indicators) जैसे वैनिला और लौंग का तेल अम्ल और क्षार की पहचान में प्रयोग किए जाते हैं।इनके तनु (dilute) विलयन का उपयोग किया जाता है।
अम्लीय विलयन में वैनिला की गंध नहीं बदलती, जबकि क्षारीय विलयन में वैनिला की मधुर गंध समाप्त हो जाती है।

प्रश्न 4. ताजे दूध में pH का मान 6 होता है। दही बन जाने पर इसके pH में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर – दही बन जाने पर दूध का pH मान घट जाता है, क्योंकि दूध से दही बनने की प्रक्रिया में लैक्टिक अम्ल (Lactic Acid) बनता है। यह अम्ल दूध को अधिक अम्लीय बना देता है, जिससे pH मान 6 से घटकर लगभग 4.5–5.5 हो जाता है। अतःदूध से दही बनने पर उसका pH मान कम हो जाता है। 

प्रश्न 5. आपको तीन परखनलियाँ दी गई हैं — एक में आसुत जल, दूसरी में अम्लीय विलयन और तीसरी में क्षारीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया गया है, तो आप प्रत्येक विलयन की प्रकृति की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर –
सबसे पहले तीनों परखनलियों को A, B और C नाम दें।
प्रत्येक परखनली के विलयन की एक-एक बूंद लाल लिटमस पेपर पर डालें।

▪︎ जिस विलयन से लाल लिटमस नीला हो जाता है, वह क्षारीय विलयन होगा।

▪︎ बाकी दो विलयनों में कोई परिवर्तन नहीं होगा; वे या तो अम्लीय या आसुत जल होंगे।

अब क्षारीय विलयन की पहचान हो जाने के बाद,
उसकी एक-एक बूंद शेष दो विलयनों (अम्लीय और आसुत जल) में मिलाएँ।

▪︎ जिस मिश्रण में कोई परिवर्तन नहीं होता, वह अम्लीय विलयन है, क्योंकि अम्ल और क्षार एक-दूसरे को उदासीन (neutralize) कर देते हैं।

▪︎ जिसमें परिवर्तन दिखाई देता है, वह आसुत जल है।

इस प्रकार, केवल लाल लिटमस पत्र की सहायता से पहले क्षार की पहचान की जाती है,
फिर शेष दो विलयनों में से अम्लीय और आसुत जल की पहचान उदासनीकरण प्रक्रिया द्वारा की जाती है।

प्रश्न 6. नीलम तथा मनीष ने प्रयोग करते समय शुष्क सोडियम क्लोराइड में सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल डाला। अभिक्रिया के फलस्वरूप गैस निकली। मनीष ने परखनली के मुँह के समीप शुष्क नीला लिटमस पत्र रखा तो कोई परिवर्तन नहीं हुआ किन्तु जब गीला लिटमस पत्र रखा तो वह लाल हो गया। इसका कारण समझाइए।
उत्तर- जब सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल को शुष्क सोडियम क्लोराइड (NaCl) पर डाला गया, तो हाइड्रोजन क्लोराइड गैस (HCl) निकलती है।

अम्ल अपने गुण तभी प्रदर्शित करते हैं जब वे जल में घुलकर हाइड्रोजन आयन (H⁺) उत्पन्न करें।
शुष्क हाइड्रोजन क्लोराइड गैस और शुष्क लिटमस पत्र — दोनों में जल की अनुपस्थिति होती है,
इसलिए H⁺ आयन नहीं बन पाते, और कोई रंग परिवर्तन नहीं होता।

लेकिन जब गीला लिटमस पत्र रखा जाता है, तो गैस उसमें मौजूद जल से प्रतिक्रिया कर लेती है और
H⁺ आयन उत्पन्न होते हैं, जिससे लिटमस पत्र का रंग नीले से लाल हो जाता है।

इस प्रकार,शुष्क HCl गैस शुष्क लिटमस पत्र का रंग नहीं बदलती,परंतु गीले लिटमस पत्र को लाल कर देती है, क्योंकि जल की उपस्थिति में ही अम्लीय गुण प्रदर्शित होते हैं।


प्रश्न 7. कुछ पदार्थों के pH मान निम्नलिखित है:-सारणी में दिए गए आंकड़ों का विश्लेषण करनिम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
पदार्थ pH मान
खाने के सोडे का विलयन 8.2
नींबू का रस 2.2
सिरका 5.5
सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन 13
पानी 7

(अ) किन पदार्थों की प्रकृति क्षारीय है?
(ब) किन पदार्थों की प्रकृति अम्लीय है?           
(स) किन पदार्थों की प्रकृति उदासीन है?


उत्तर- 
(अ) किन पदार्थों की प्रकृति अम्लीय है?
उत्तर- नींबू का रस (pH = 2.2) और सिरका (pH = 5.5) अम्लीय प्रकृति के हैं।

(ब) किन पदार्थों की प्रकृति क्षारीय है?
उत्तर- खाने के सोडे का विलयन (pH = 8.2) और सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन (pH = 13) क्षारीय प्रकृति के हैं।

(स) किन पदार्थों की प्रकृति उदासीन है?
उत्तर- पानी (pH = 7) की प्रकृति उदासीन होती है।


प्रश्न 8. अम्ल ‘A’ तथा ‘B’ दो बीकर में लिए गए हैं। अम्ल ‘A’ का जल में आंशिक आयनन होता है जबकि अम्ल ‘B’ का जल में पूर्ण आयनन होता है। इस आधार पर बताइए- 
(अ) ‘A’ तथा ‘B’ में कौन सा अम्ल दुर्बल तथा कौन-सा प्रबल है।
(ब) दुर्बल अम्ल किसे कहते हैं? 
(स) प्रबल अम्ल किसे कहते हैं? 
(द) प्रत्येक के उदाहरण दीजिए। 
उत्तर- 
(अ) ‘A’ तथा ‘B’ में कौन-सा अम्ल दुर्बल तथा कौन-सा प्रबल है?
उत्तर- • अम्ल ‘A’ जल में आंशिक रूप से आयनित होता है, इसलिए यह दुर्बल अम्ल है।
• अम्ल ‘B’ जल में पूर्ण रूप से आयनित होता है, इसलिए यह प्रबल अम्ल है।

(ब) दुर्बल अम्ल किसे कहते हैं?
उत्तर- वह अम्ल जो जल में केवल आंशिक रूप से आयनित होकर थोड़े से H⁺ आयन प्रदान करता है, उसे दुर्बल अम्ल कहते हैं।

(स) प्रबल अम्ल किसे कहते हैं?
उत्तर- वह अम्ल जो जल में पूर्ण रूप से आयनित होकर अधिक मात्रा में H⁺ आयन देता है, उसे प्रबल अम्ल कहते हैं।

(द) प्रत्येक के उदाहरण
उत्तर- 
• प्रबल अम्ल- H₂SO₄ (सल्फ्यूरिक अम्ल), HCl (हाइड्रोक्लोरिक अम्ल)

• दुर्बल अम्ल- CH₃COOH (एसिटिक अम्ल), H₂CO₃ (कार्बोनिक अम्ल)


प्रश्न 9. धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन सी गैस निकलती है? आप निकलने वाली गैस का परीक्षण कैसे करेंगे? मैग्नीशियम धातु का उदाहरण लेकर समझाइए। 
उत्तर- सामान्यत, जब किसी धातु की अभिक्रिया अम्ल से की जाती है, तो लवण (Salt) और हाइड्रोजन गैस (H₂) बनती है।

सामान्य अभिक्रिया
अम्ल + धातु → लवण + हाइड्रोजन गैस
उदाहरण (मैग्नीशियम धातु के साथ)
Mg + 2HCl(तनु) → MgCl + H₂

प्रयोग विधि
एक परखनली में लगभग ¼ भाग तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल  लें।अब उसमें मैग्नीशियम धातु का छोटा टुकड़ा या दानेदार चूर्ण डालें।कुछ ही समय में परखनली में बुलबुले (bubbles) उठने लगते हैं, जिससे हाइड्रोजन गैस बनती है।

गैस का परीक्षण
परखनली के मुँह के पास जलती हुई माचिस की तीली ले जाएँ। यदि गैस “पॉप” (pop) की आवाज़ के साथ जल उठती है, तो यह हाइड्रोजन गैस होने की पुष्टि करती है।

प्रश्न 10. अंडे के छिलके की तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अभिक्रिया कराने पर बुदबुदाहट के साथ एक गैस निकलती है तथा झाग बनती है। झाग के बैठ जाने के पश्चात् परखनली के अंदर सुलगती हुई अगरबत्ती ले जाने पर यह बुझ जाती है। इस क्रियाकलाप को निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर समझाइए-
 • प्रयोग विधि
 • उपकरण का चित्र
 • अभिक्रिया का संतुलित रासायनिक समीकरण

उत्तर- (i) प्रयोग विधि
एक परखनली में लगभग 0.5 ग्राम अंडे का छिलका लें।
अब इस परखनली में लगभग 5 मिलीलीटर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (dil. HCl) डालें।
जैसे ही अम्ल अंडे के छिलके के साथ अभिक्रिया करता है, परखनली में बुलबुले उठने लगते हैं और झाग बनती है।
थोड़ी देर बाद जब झाग बैठ जाती है, तो परखनली के मुख के पास सुलगती हुई अगरबत्ती लाएँ।
अगर अगरबत्ती बुझ जाती है, तो यह प्रमाण है कि गैस कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) है।

(ii) उपकरण का चित्र


(iii) अभिक्रिया का संतुलित रासायनिक समीकरण
CaCO₃ (s) + 2HCl (aq) → CaCl₂ (aq) + CO₂ (g) + H₂O (l)

व्याख्या-
अंडे का छिलका मुख्य रूप से कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO₃) से बना होता है।
जब यह तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) से अभिक्रिया करता है, तो कार्बन डाइऑक्साइड गैस (CO₂) बनती है, जिससे झाग और बुलबुले दिखाई देते हैं।
सुलगती हुई अगरबत्ती को परखनली के मुख पर लाने पर वह बुझ जाती है, क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड गैस दहन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन को हटा देती है।


प्रश्न 11. टिकेश्वरी के खेत की मिट्टी का pH मान 4.2 है। धान की अच्छी उपज के लिए वह मिट्टी के pH पर किस प्रकार नियंत्रण रख सकती है?
उत्तर- धान की अच्छी उपज के लिए मिट्टी का pH मान 5 से 8 के बीच होना चाहिए। यदि मिट्टी का pH मान 4.2 है, तो यह बहुत अम्लीय (acidic) है, जिससे फसल की वृद्धि प्रभावित होती है।

मिट्टी की अम्लीयता को कम करने और pH को संतुलित करने के लिए टिकेश्वरी को –
• खेतों में चूना (Calcium oxide या Calcium carbonate),
• या राख (ash),
• या क्षारीय खाद (alkaline manure) डालनी चाहिए।

ये पदार्थ मिट्टी की अम्लीयता को न्यूट्रल (संतुलित) करते हैं और pH को बढ़ाकर
धान की फसल के लिए अनुकूल वातावरण बनाते हैं।
अतः टिकेश्वरी को अपनी मिट्टी की अम्लीयता घटाने के लिए चूना या राख डालनी चाहिए ताकि pH 5–8 के बीच रहे और धान की उपज अच्छी हो। 

प्रश्न 12. उदासीनीकरण अभिक्रिया किसे कहते हैं? दो उदाहरणों द्वारा समझाइए। 
उत्तर- जब अम्ल और क्षार (Acid & Base) आपस में अभिक्रिया करते हैं तो लवण (Salt) और जल (Water) का निर्माण होता है।
इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया (Neutralization Reaction) कहा जाता है, क्योंकि इस प्रक्रिया में अम्ल और क्षार एक-दूसरे के प्रभाव को न्यूट्रल (उदासीन) कर देते हैं।

सामान्य समीकरण
अम्ल + क्षार → लवण + जल

उदाहरण (Examples)

(i)
HCl + NaOH → NaCl (aq) + H₂O (l)
अम्ल       क्षार           लवण             जल

(ii)
HCl + KOH → KCl (aq) + H₂O (l)
अम्ल      क्षार         लवण           जल

अतः उदासीनीकरण अभिक्रिया वह होती है जिसमें अम्ल और क्षार की क्रिया से लवण और जल बनते हैं, तथा दोनों के गुण निष्प्रभावी (neutralized) हो जाते हैं।


प्रश्न 13. समारू ने ताजे दूध में खाने का सोडा मिलाकर उसका pH मान 6 से बदलकर 8 कर दिया। इस दूध से दही बनने में अधिक समय लगेगा क्यों?
उत्तर- समारू ने ताजे दूध में खाने का सोडा (सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट) मिलाया,जिससे दूध का pH मान 6 से बढ़कर 8 हो गया और दूध क्षारीय (basic) हो गया।
दूध से दही बनने की प्रक्रिया में लैक्टिक अम्ल (Lactic acid) का निर्माण होता है,
जो दूध को अम्लीय बनाता है और दही जमने में मदद करता है।
लेकिन जब दूध में खाने का सोडा मिला दिया गया, तो यह एक क्षारीय पदार्थ है,जो बनने वाले लैक्टिक अम्ल को पहले उदासीन (neutralize) कर देता है।
इस कारण अम्लीयता धीरे-धीरे बढ़ती है और दही बनने में अधिक समय लगता है।


प्रश्न 14. लवण किसे कहते हैं? किसी लवण की प्रकृति किस प्रकार निर्धारित होती है?
NH₄NO₃ और Na₂CO₃ का उदाहरण लेकर समझाइए।
उत्तर –
परिभाषा 
लवण (Salt) वे आयनिक यौगिक (Ionic Compounds) होते हैं,जो अम्ल और क्षार की अभिक्रिया (उदासीनीकरण अभिक्रिया) से बनते हैं।इनमें एक भाग धनात्मक आयन (Cation) और दूसरा भाग ऋणात्मक आयन (Anion) होता है।दोनों के आवेश एक-दूसरे को संतुलित कर देते हैं, जिससे लवण विद्युत रूप से उदासीन (neutral) होता है।

लवण की प्रकृति का निर्धारण
किसी लवण की प्रकृति (अम्लीय, क्षारीय या उदासीन)
उसके अम्लीय मूलक (acidic radical) और क्षारीय मूलक (basic radical) की प्रबलता (strength) और दुर्बलता (weakness) पर निर्भर करती है।

सारणी
क्रमांक अम्ल + क्षार का प्रकार लवण की प्रकृति

1 दुर्बल अम्ल + प्रबल क्षार →क्षारीय लवण
2 प्रबल अम्ल + दुर्बल क्षार अम्लीय लवण
3 प्रबल अम्ल + प्रबल क्षार उदासीन लवण
4 दुर्बल अम्ल + दुर्बल क्षार उदासीन लवण

उदाहरण

1. NH₄NO₃ (अमोनियम नाइट्रेट)
HNO₃ (प्रबल अम्ल) + NH₄OH (दुर्बल क्षार) → NH₄NO₃ + H₂O
इसमें प्रबल अम्ल और दुर्बल क्षार की अभिक्रिया होती है,
इसलिए NH₄NO₃ एक अम्लीय लवण है।


2. Na₂CO₃ (सोडियम कार्बोनेट)
H₂CO₃ (दुर्बल अम्ल) + NaOH (प्रबल क्षार) → Na₂CO₃ + H₂O
इसमें दुर्बल अम्ल और प्रबल क्षार की अभिक्रिया होती है,
इसलिए Na₂CO₃ एक क्षारीय लवण है।

अतः
लवण की प्रकृति उसके बनने वाले अम्ल और क्षार की प्रबलता या दुर्बलता पर निर्भर करती है —
इस प्रकार NH₄NO₃ अम्लीय लवण है और Na₂CO₃ क्षारीय लवण है। 








🧪 अम्ल, क्षार और लवण – Class 10 Science Short Notes in Hindi


यह नोट्स कक्षा 10 विज्ञान (Class 10 Science) के अध्याय “अम्ल, क्षार और लवण (Acids, Bases and Salts)” का संक्षिप्त सारांश है।
इसमें सभी महत्वपूर्ण बिंदु, परिभाषाएँ, उदाहरण और उपयोग सरल हिंदी में दिए गए हैं।
यह बोर्ड परीक्षा (Board Exam) की तैयारी के लिए अत्यंत उपयोगी है।


🔹 1. अम्ल (Acids)

• अम्ल वे पदार्थ हैं जो जल में घुलकर H⁺ आयन देते हैं।

• स्वाद में खट्टे होते हैं।

• नीले लिटमस को लाल करते हैं।
उदाहरण-  HCl, H₂SO₄, CH₃COOH


🔹 2. क्षार (Bases)


• वे पदार्थ जो जल में घुलकर OH⁻ आयन देते हैं।

• स्वाद में कड़वे और स्पर्श में चिकने होते हैं।

• लाल लिटमस को नीला करते हैं।
उदाहरण- NaOH, KOH, NH₄OH


🔹 3. उदासीनीकरण अभिक्रिया (Neutralization Reaction)

जब अम्ल और क्षार की अभिक्रिया से लवण और जल बनते हैं।
समीकरण- अम्ल + क्षार → लवण + जल
उदाहरण- HCl + NaOH → NaCl + H₂O


🔹 4. लवण (Salts)

• अम्ल और क्षार की अभिक्रिया से बनने वाले आयोनिक यौगिक लवण कहलाते हैं।

• लवण की प्रकृति उस अम्ल और क्षार की प्रबलता पर निर्भर करती है।


सारणी – लवण की प्रकृति

• प्रबल अम्ल + प्रबल क्षार → उदासीन लवण

• प्रबल अम्ल + दुर्बल क्षार → अम्लीय लवण

• दुर्बल अम्ल + प्रबल क्षार → क्षारीय लवण

उदाहरण
NH₄Cl → अम्लीय लवण
Na₂CO₃ → क्षारीय लवण
NaCl → उदासीन लवण

🔹 5. pH मान (pH Scale)


• किसी विलयन की अम्लीय या क्षारीय प्रकृति को दर्शाता है।

• pH = 7 → उदासीन

• pH < 7 → अम्लीय

• pH > 7 → क्षारीय


उदाहरण

• नींबू का रस – pH = 2 (अम्लीय)

• पानी – pH = 7 (उदासीन)

• साबुन का घोल – pH = 9 (क्षारीय)


🔹 6. अम्ल वर्षा (Acid Rain)


• जब वायुमंडल की CO₂, SO₂ और NO₂ जैसी गैसें जल में घुलकर H₂CO₃, H₂SO₄ और HNO₃ बनाती हैं।

• यह अम्लीय वर्षा पेड़ों, इमारतों और जल स्रोतों को नुकसान पहुँचाती है।


मुख्य कारण-  ईंधन का दहन, वाहन, उद्योग, ज्वालामुखी विस्फोट।



🔹 7. दैनिक जीवन में अम्ल, क्षार और लवण का उपयोग


उपयोग                       उदाहरण

भोजन में स्वाद                 नींबू में साइट्रिक अम्ल
सफाई में                         साबुन (क्षार)
कृषि में                           मिट्टी में चूना डालना
औषधियों में                    एंटासिड – पेट की अम्लता कम करने के लिए
उद्योगों में                         NaOH, H₂SO₄ का प्रयोग



🔹 8. महत्वपूर्ण तथ्य


• अचार को धातु के बर्तनों में नहीं रखते क्योंकि अम्ल धातु से क्रिया कर विषैले यौगिक बनाता है।

• हल्दी क्षार के संपर्क में पीले से लाल रंग में बदल जाती है।

• दही बनने पर दूध का pH घटकर 4.5–5.5 हो जाता है।

• मिट्टी का pH 5–8 होने पर फसल अच्छी होती है।



___________________THE END ______________________


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