प्रश्न 1. क्या आप बता सकते हैं कि आग की चिंगारी को बुझाने के लिए पानी का छिड़काव किया जाता है। ऐसा क्यों ?
उत्तर – पानी की ऊष्मा धारिता (Heat Capacity) अधिक होती है,अर्थात यह अपने तापमान में कम परिवर्तन के साथ अधिक मात्रा में ऊष्मा को अवशोषित कर सकता है।जब पानी को आग पर डाला जाता है, तो यह जलते हुए पदार्थ से ऊष्मा को सोख लेता है और उसे ठंडा कर देता है।फलस्वरूप, पदार्थ का तापमान तेजी से घट जाता है और दहन की क्रिया रुक जाती है। इस प्रकार, आग की चिंगारी को बुझाने के लिए पानी का छिड़काव किया जाता है।
प्रश्न 2. यदि 25 ग्राम कॉपर का तापमान 25°C से 75°C बढ़ाने के लिए 487.5 J ऊष्मा देनी पड़ती है, तो कॉपर की J/g°C में व्यक्त विशिष्ट ऊष्मा क्या होगी ? हल–Q = m × S × ΔTदिए गए मानQ = 487.5 Jm = 25 gΔT = 75°C – 25°C = 50°Cअब,S = Q / (m × ΔT)= 487.5 / (25 × 50)= 0.39 J/g°Cउत्तर- कॉपर की विशिष्ट ऊष्मा = 0.39 J/g°C
प्रश्न 1. गैसों और द्रवों में केवल आयतन प्रसार ही क्यों संभव है ? उत्तर- गैसों और द्रवों का निश्चित आकार नहीं होता, इसलिए इनमें केवल आयतन प्रसार (Volumetric Expansion) ही संभव होता है। गैसों में अणुओं के बीच की दूरी बहुत अधिक होती है, जिससे उन्हें आसानी से संपीड़ित (Compress) किया जा सकता है और उनका आयतन बदल जाता है।वहीं, द्रवों में अणुओं की दूरी गैसों की तुलना में कम होती है, परंतु वे ठोसों की तरह स्थिर नहीं होते। इसलिए द्रवों में आकार बदलना संभव नहीं, केवल आयतन में परिवर्तन ही संभव होता है।इसी कारण गैसों और द्रवों में केवल आयतन प्रसार होता है, जबकि ठोसों में रेखीय, पृष्ठीय तथा आयतन तीनों प्रकार के प्रसार संभव होते हैं।
अभ्यास
प्रश्न 1. सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(अ) 1:1:1
(ब) 1:2:3
(स) 1:2:1
(द) 3:2:1.
उत्तर- (ब) 1:2:3
2. वस्तु A व वस्तु B में से वस्तु A की विशिष्ट ऊष्मा वस्तु B की तुलना में कम है, तो-
(अ) वस्तु A जल्द गर्म होगी
(ब) वस्तु B जल्द गर्म होगी
(स) दोनों वस्तुएँ समान रूप से गर्म होंगी
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (अ) वस्तु A जल्द गर्म होगी
3. नीचे दी गई वस्तुओं में से कौन-सी वस्तु सबसे अच्छा ऊष्मा चालक –
(अ) लोहा
(ब) एस्बेस्टस
(स) काँच
(द) लकड़ी
उत्तर- (ब) एस्बेस्टस
4. नीचे दी गई कौन-सी वस्तुओं में ऊष्मा का संचार संवहन द्वारा नहीं हो सकता है-
(अ) चाय
(ब) पानी
(स) हवा
(द) निर्वात्
उत्तर- (द) निर्वात्
प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(i) ऊष्मा कोई पदार्थ नहीं बल्क ऊर्जा है।
(ii) तापांतर के कारण ऊष्मा का स्थानांतरण होता है।
(iii) चालक के द्वारा ऊष्मा का संचरण केवल ठोस में संभव है।
(iv) विकिरण द्वारा ऊष्मा के संचरण हेतु माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है।
(v) पदार्थ की भौतिक अवस्था में परिवर्तन के लिये ली गई/ दी गई ऊष्मा के कारण तापमान में बदलाव नहीं होता है।
प्रश्न 3. जब दो वस्तुओं को, जिनका तापमान एक दूसरे से अलग हो को संपर्क में लाया जाता है तब उन दोनों का तापमान समान क्यों हो जाता है ?
उत्तर- जब दो भिन्न तापमान वाली वस्तुओं को संपर्क में लाया जाता है, तो ऊष्मा का संचरण गर्म वस्तु से ठंडी वस्तु की ओर होता है। गर्म वस्तु अपनी ऊष्मा खोती है, जबकि ठंडी वस्तु ऊष्मा प्राप्त करती है।
हल – हम जानते हैं —
हल-
दोनों स्थितियों में जल की विशिष्ट ऊष्मा समान है,
अर्थात् S₁ = S₂ = S
अब,
गर्म जल द्वारा दी गई ऊष्मा = m₁ × S₁ × (t₁ – t)
ठंडे जल द्वारा प्राप्त ऊष्मा = m₂ × S₂ × (t – t₂)
ऊर्जा संरक्षण के अनुसार —
गर्म जल द्वारा दी गई ऊष्मा = ठंडे जल द्वारा प्राप्त ऊष्मा
अर्थात,
m₁ × S × (t₁ – t) = m₂ × S × (t – t₂)
क्योंकि S₁ = S₂, अतः
m₁ × (t₁ – t) = m₂ × (t – t₂)
अब, मिश्रण का ताप (t) होगा —
t = (m₁ × t₁ + m₂ × t₂) / (m₁ + m₂)
दिए गए मान:
m₁ = 1 kg, t₁ = 60°C
m₂ = 1 kg, t₂ = 40°C
अब,
t = (1 × 60 + 1 × 40) / (1 + 1)
t = 100 / 2 = 50°C
उत्तर- मिश्रण का तापमान = 50°C
प्रश्न 9. तांबे के एक बर्तन का द्रव्यमान 500 ग्राम है। इसका ताप 40°C तक बढ़ाने के लिये आवश्यक ऊष्मा की गणना कीजिए I तांबे की विशिष्ट ऊष्मा 0.09 जूल/किग्रा.℃ है।
(उत्तर- 1.8 J)
हल-
सूत्र- ऊष्मा (Q) = द्रव्यमान × विशिष्ट ऊष्मा × ताप में वृद्धि
अर्थात्, Q = m × S × ΔT
दिए गए मान:
m = 500 g
S = 0.09 J/g°C
ΔT = 40°C
अब,
Q = 500 × 0.09 × 40
Q = 1800 J
उत्तर- आवश्यक ऊष्मा = 1800 J
प्रश्न 10. ताँबे के एक तार की लंबाई 100 सेमी. है। इसके ताप को 30°C से 50°C तक बढ़ाने में इसकी लंबाई में कितनी वृद्धि होगी ? ताँबे के लिए = 26 x 10-6/ °C होता है। उत्तर – 52 x 10-5m
हल-
सूत्र-
रेखीय प्रसार गुणांक (α) = लम्बाई में वृद्धि / (प्रारंभिक लम्बाई × ताप में वृद्धि)
अर्थात्, ΔL = α × L × ΔT
जहाँ,
α = 26 × 10−6/°C
L = 100 सेमी = 1.0 मी.
ΔT = 50°C − 30°C = 20°C
अब,
ΔL = 26 × 10−6 × 1 × 20
ΔL = 520 × 10−6 मी.
ΔL = 52 × 10−5 मी.
या, यदि सेमी में व्यक्त करें —
ΔL = 0.052 सेमी
उत्तर- लम्बाई में वृद्धि = 52 × 10−5 मी.
प्रश्न 11. विशिष्ट ऊष्मा धारिता क्या है ?
उत्तर- किसी पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा धारिता (Specific Heat Capacity) वह ऊष्मा की मात्रा है, जो उस पदार्थ के एकांक द्रव्यमान का तापमान एकांक (1°C या 1K) बढ़ाने में आवश्यक होती है।
जिन पदार्थों की विशिष्ट ऊष्मा अधिक होती है, वे धीरे गर्म होते हैं और धीरे ठंडे होते हैं।
यदि किसी वस्तु का द्रव्यमान m हो और उसकी विशिष्ट ऊष्मा S हो, तो उसकी ऊष्मा धारिता —
Q = m × S
उत्तर - विशिष्ट ऊष्मा धारिता वह ऊष्मा है जो किसी पदार्थ के एकांक द्रव्यमान का तापमान 1°C बढ़ाने में आवश्यक होती है।
प्रश्न 12. ऊष्मा के संचरण के प्रकारों के बारे में लिखिए।
उत्तर- तापमान में अंतर के कारण ऊष्मा एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानांतरित हो जाती है, इसे ही ऊष्मा का संचरण कहा जाता है। ऊष्मा के संचरण की तीन विधियाँ होती हैं
- चालन (Conduction)
इस विधि में ऊष्मा का संचरण पदार्थ के कणों द्वारा संपन्न होता है। इसमें माध्यम के प्रत्येक कण भाग लेते हैं। यह ऊष्मा संचरण की सबसे धीमी विधि है और केवल सुचालक ठोसों में संभव होती है। इसमें अणुओं का कंपन ऊष्मा के संचरण का कारण बनता है।
उदाहरण: बर्फ को पिघलने से रोकने के लिए उसे कुचालक पदार्थों में लपेटकर रखा जाता है। - संवहन (Convection)
इस विधि द्वारा ऊष्मा का संचरण केवल द्रव और गैसों में होता है। यह अणुओं की वास्तविक गति के कारण संपन्न होता है। जब तक दोनों भागों का ताप समान नहीं हो जाता, ऊष्मा का स्थानांतरण चलता रहता है। संवहन विधि चालन की अपेक्षा अधिक तीव्र होती है।
उदाहरण: समुद्र तटों पर दिन में भूमि का ताप बढ़ने से वायु ऊपर उठती है और समुद्र से ठंडी हवा भूमि की ओर आती है। - विकिरण (Radiation)
विकिरण में ऊष्मा का संचरण सीधी रेखा में होता है और इसमें किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती। यह ठोस, द्रव, गैस, यहाँ तक कि निर्वात (Vacuum) में भी संभव है। यह ऊष्मा संचरण की सबसे तेज़ विधि है।
उदाहरण: सूर्य से पृथ्वी तक ऊष्मा का पहुँचना विकिरण विधि द्वारा होता है।
प्रश्न 13. ऊष्मा के प्रभावों के हमारे दैनिक जीवन से जुड़े कुछ उदाहरण बताइए।
- ताप में वृद्धि
किसी वस्तु को गर्म करने पर वह ऊष्मा अवशोषित करती है और उसका ताप बढ़ता है। ठंडा होने पर ऊष्मा निकलती है और ताप घटता है। वस्तु द्वारा ली गई या दी गई ऊष्मा (Q) इन पर निर्भर करती है:- वस्तु के द्रव्यमान (m) पर
- ताप में हुए परिवर्तन (ΔT) पर
- पदार्थ की प्रकृति पर
- ठोस पदार्थों में ऊष्मीय प्रसार
ठोस पदार्थों को गर्म करने पर उनकी लंबाई, क्षेत्रफल और आयतन तीनों में वृद्धि होती है। जबकि द्रवों में केवल आयतन बढ़ता है।
उदाहरण: उबलता पानी अचानक काँच के बर्तन में डालने पर बर्तन चटक सकता है।
________THE END__________
