कक्षा 6 हिन्दी — विनम्र एवं उधर शासक अहिल्याबाई होलकर पाठ व्याख्या | प्रश्नोत्तर, शब्दार्थ एवं अभ्यास
Gyan247October 29, 20250
कक्षा 6 वीं - हिन्दी
पाठ- विनम्र एवं उधर शासक अहिल्याबाई होलकर
गद्यांशों की व्याख्या
दिए गए गद्यांशों को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
1. अहिल्या बाई होल्कर एक ऐसी शासक थी जिन्होंने प्रजा हित में अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए। उनमें अनेक उत्कृष्ट गुण विद्यमान थे। साथ ही उन्होंने अंधविश्वासों और रूढ़ियों का भी जमकर विरोध किया। वे अँधेरे में प्रकाश-किरण के समान थीं। अपने उत्कृष्ट विचारों एवं नैतिक आचरण के चलते ही समाज में उन्हें देवी का दर्जा दिया। भारत की विरासत की परंपराओं और आस्था को समृद्ध करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिन्हें आज भी याद किया जाता है।
प्रश्न-
1. अहिल्याबाई के किन गुणों के कारण समाज ने उन्हें देवी का दर्जा दिया।
उत्तर- अहिल्याबाई के उत्कृष्ट विचारों एवं नैतिक आचरण के चलते ही समाज ने उन्हें देवी का दर्जा दिया।
2. उन्होंने समाज के हित में कौन-कौन से कार्य किए ?
उत्तर- उन्होंने प्रजा हित में अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने अंधविश्वासों रूढ़ियों का जमकर विरोध किया। नारी शिक्षा पर बल दिया व भारत का विरासत पंरपराओं और आस्था को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
2. होल्कर राज्य के संस्थापक, मराठा साम्राज्य के भीष्म पितामह मल्हार राव का 1766 ईस्वी में निधन हो गया। मराठा साम्राज्य के आधार स्तंभों में से एक पराक्रमी शक्तिशाली और स्वामी भक्त सरदार मल्हार राव के जाने से मराठा साम्राज्य को भी गहरा आघात लगा था। एक के बाद एक अपने प्रियजनों पहले पति और अब पिता तुल्य ससुर का इस तरह बिछड़ना अहिल्याबाई के लिए असहनीय था। अहिल्याबाई का पुत्र माले राव मात्र 21 वर्ष की आयु में मालवा की गद्दी पर आसीन हुआ। अहिल्याबाई के लिए अपनी प्रजा के हित के लिए कार्य करने का बड़ा दायित्व था। शासन संभालने के कुछ दिनों बाद ही साल 1767 में उनके जवान पुत्र माले राव की भी मृत्यु हो गई। पति, जवान पुत्र और पिता समान ससुर को खोने के बाद भी उन्होंने जिस तरह साहस से काम किया, वह अत्यंत सराहनीय है।
प्रश्न-
1. होल्कर राज्य के संस्थापक कौन थे ?
उत्तर- होल्कर राज्य के संस्थापक व मराठा साम्राज्य के भीष्म पितामह मल्हार राव होल्कर थे।
2. मल्हार राव होल्कर कैसे शासक थे ?
उत्तर- वे पराक्रमी, शक्तिशाली और मराठा साम्राज्य के स्वामी भक्त सरदार थे।
3. अहिल्याबाई के पुत्र का क्या नाम था और उनकी मुत्यु कब हुई ?
उत्तर- अहिल्याबाई के पुत्र का नाम माले राव था, उनकी मृत्यु सन् 1767 में हो गई थी।
3. महारानी अहिल्याबाई एक विनम्र एवं उदार शासक थीं। जिनमें दया और परोपकार की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। अहिल्याबाई हमेशा अपनी प्रजा और गरीबों की भलाई के बारे में सोचती रहती थीं। उन्होंने समाज में विधवा महिलाओं की स्थिति और महिलाओं की शिक्षा पर उल्लेखनीय कार्य किया। अपने जीवन में तमाम परेशानियाँ झेलने के बाद जिस तरह अहिल्या बाई ने अपनी नारी शक्ति का इस्तेमाल किया था, वह काफी प्रशंसनीय है। 13 अगस्त 1795 ईस्वी में अहिल्याबाई होल्कर की मृत्यु हो गई।
प्रश्न-
1. अहिल्याबाई ने अपने शासन काल में कौन-कौन से कार्य किए ?
उत्तर- अहिल्याबाई ने पूरा जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। अहिल्याबाई हमेशा प्रजा और गरीबों की भलाई के लिए सोचती रहती थी। उन्होंने समाज में विधवा महिलाओं की स्थिति और नारी शिक्षा पर महत्वपूर्ण कार्य किया।
2. अहिल्याबाई का निधन कब हुआ ?
उत्तर- 13 अगस्त 1795 ईस्वीं में अहिल्याबाई होल्कर का निधन हो गया।
पाठ से प्रश्न-अभ्यास
मेरी समझ से
नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है ? उसके सामने तारा (*) बनाइए-
1. अहिल्याबाई का जन्म कब हुआ था ?
• 31 मई 1766 में
• 31 मई 1795 में
• 31 मई 1767 में
• 31 मई 1725 में।
उत्तर- (*) 31 मई 1725 में।
2. होल्कर राज्य के संस्थापक थे
• अहिल्याबाई होल्कर
• मल्हार राव होल्कर
• माले राव होल्कर
• खंडे राव होल्कर।
उत्तर- (*) मल्हार राव होल्कर।
3. "भीड़ को चीरती हुई एक नौ वर्ष की बालिका आगे बढ़ी और सूबेदार के आगे जाकर खड़ी हो गई।" उपरोक्त वाक्य से बालिका अहिल्याबाई के किस स्वभाव का पता चलता है कि
• वह परोपकारी थी
• वह सहनशील थी
• वह तेजस्वी थी
• वह निर्भीक थी।
उत्तर- (*) वह निर्भीक थी।
मिलकर करें मिलान
पाठ में से कुछ महत्वपूर्ण बिंदु स्तंभ 1 में दिए गए हैं और उनके भाव स्तंभ 2 में दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और रेखा खींचकर सही भाव से मिलान कीजिए।
उत्तर-
स्तंभ 1
स्तंभ 2
1. मराठों की सेना के सूबेदार थे
3. मल्हार राव होल्कर
2. मराठों और जाटों के बीच हुए युद्ध में मृत्यु हुई
4. खंडे राव
3. 21 वर्ष की अल्प आयु में गद्दी में आसीन हुए
1. माले राव
4. 1996 में किसके सम्मान में डाक टिकट जारी हुए
2. अहिल्याबाई होल्कर
पंक्तियों पर चर्चा
पाठ से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया ? अपने विचार अपनी कक्षा में साझा कीजिए और लिखिए।
(क) बालिका अहिल्या में आदर्श भारतीय नारी के सभी गुण विद्यमान थे। उनके विवेक, नम्रता, सेवा, त्याग और सहनशीलता जैसे गुणों का ही यह परिणाम था कि खंडे राव में आत्म-गौरव व वीरता का भाव उत्पन्न हुआ।
उत्तर- अहिल्या सौम्य, शांत, तेजस्विनी, संस्कारी, व्यवहार कुशल, सेवाभावी गुणों से युक्त थी। अपने आचरण से धीरे-धीरे खंडे राव के स्वभाव में भी बदलाव ले आईं और खंडे राव में आत्म-गौरव व वीरता का भाव उत्पन्न होने लगा।
(ख) अहिल्याबाई का जीवन सदा चुनौतियों से भरा रहा। उनके जीवन में अनेक समस्याएँ आईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
उत्तर- अहिल्याबाई का जीवन बहुत मुश्किलों से भरा था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वे साहसी, समझदार और धैर्यवान थीं। जीवन में कई दुख आए, फिर भी उन्होंने हिम्मत से सबका सामना किया।
उन्होंने हमेशा लोगों की सेवा की और हर चुनौती का बहादुरी से सामना किया।
सोच-विचार के लिए
निबंध को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए -
(क) अहिल्याबाई एक विनम्र और उदार शासक थीं,जिनमें दया और परोपकार की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी।
उत्तर- अहिल्याबाई एक दयालु और उदार रानी थीं, जिनमें दूसरों की मदद करने की भावना भरी थी। उन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की भलाई में लगा दिया। जीवन की मुश्किलों ने उन्हें और मजबूत बना दिया।
उन्होंने समाज और देश के विकास के लिए बहुत काम किए। स्त्रियों की स्थिति सुधारने और शिक्षा के लिए भी उन्होंने प्रयास किया। वे हमेशा लोगों और देश की सेवा में लगी रहीं।
(ख) मल्हार राव होल्कर ने अपने पुत्र खंडे राव का विवाह अहिल्याबाई से क्यों किया। इन कथनों के समर्थन में पाठ से खोजकर लिखिए।
उत्तर- मल्हार राव होल्कर ने अहिल्याबाई को देखकर तय किया कि वे अपने बेटे खंडे राव से उनका विवाह कराएँगे। वे अहिल्या के अच्छे संस्कारों और शांत स्वभाव से बहुत प्रभावित हुए थे।
उन्हें विश्वास था कि अपने अच्छे व्यवहार और सेवा-भाव से अहिल्या सबका दिल जीत लेंगी।
शब्दों की बात
नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों और मित्रों की सहायता भी ले सकते हैं।
इस पाठ में ऐसे अनेक शब्द आए हैं जो अहिल्याबाई के गुणों को बताते हैं।
उन शब्दों की पहचान करके अपने समूह से चर्चा कीजिए एवं उन्हें निर्धारित स्थान पर लिखिए।
संकेत - (सहनशीलता, त्याग आदि)
उत्तर–
अहिल्याबाई के गुण
अहिल्याबाई के गुण
धर्मपरायण
विनम्रता
तेजस्विनी
सहनशीलता
त्याग
विवेकशील
पाठ से आगे प्रश्न अभ्यास
शब्दों की बात–
1. रानी कर्णावती
2. रानी लक्ष्मी बाई
3. रानी दुर्गावती
4. रानी चिन्नमा
इन वीरांगनाओं के बारे में शिक्षक से चर्चा करते हुए दस-दस वाक्य लिखिए।
उत्तर –
1. रानी कर्णावती
1. उनका संबंध राजस्थान के एक प्रतिष्ठित राजपूत घराने से था।
2. रानी कर्णावती मेवाड़ राज्य की महारानी थीं।
3. उन्हें साहस और आत्म-बलिदान का प्रतीक माना जाता है।
4. वह एक वीर योद्धा और साहसी व बहादुर थीं
5. उन्होंने एक निष्ठावान और कर्तव्यपरायण महिला शासक की भूमिका निभाई।
6. अपने आत्मसम्मान की रक्षा हेतु, उन्होंने जौहर किया था।
7. उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी दृढ़ता से चुनौतियों का सामना किया।
8. उनका मुख्य उद्देश्य प्रजा का कल्याण और आक्रमणकारियों से राज्य की रक्षा करना था।
9. उनका जीवन संप्रभुता, सम्मान और प्रतिरोध की एक जटिल कहानी प्रस्तुत करता है।
10. मातृभूमि और अपनी संस्कृति के लिए दृढ़ थीं।
2. रानी दुर्गावती
1. यह प्रसिद्ध वीरांगना गोंडवाना राज्य की शासिका थीं और उन्होंने लगभग 15 से 16 वर्षों तक शासन किया।
2. वे गोंड राजवंश की सदस्य थीं।
3. उनमें वीरता, शौर्य और उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता थी।
4. उनकी प्रशासनिक दक्षता की कोई तुलना नहीं थी।
5. वे धर्मनिरपेक्षता की भावना रखती थीं।
6. उन्हें महिला सशक्तिकरण के एक अद्वितीय उदाहरण के रूप में याद किया जाता है।
7. उन्होंने मुगल सेना के सामने झुकने से इनकार कर दिया और अपनी स्वतंत्रता के लिए युद्ध चुना।
8. गंभीर रूप से घायल होने पर, उन्होंने अपने मूल्यों की रक्षा हेतु स्वयं को कटार मारकर आत्म-बलिदान कर दिया।
9. वे शौर्य और बहादुरी की साक्षात् प्रतिमूर्ति थीं।
10. अपने व्यक्तिगत जीवन में वे विनम्र, सुंदर और सुशील थीं।
3. रानी लक्ष्मीबाई
1. रानी लक्ष्मीबाई एक निडर और साहसी वीरांगना थीं।
2. उनका व्यक्तित्व बलिदान, पराक्रम और असीम साहस का संगम था।
3. वे कुशल घुड़सवार थीं और युद्ध कलाओं में निपुण थीं।
4. उनका स्वाभिमान इतना प्रबल था कि उन्होंने देश के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
5. वह एक सक्षम शासक के साथ-साथ एक बहादुर योद्धा भी थीं।
6. वे नारी शक्ति का एक जीवंत प्रतीक बनीं।
7. उन्होंने गाँव-नगर की स्त्रियों को संगठित और सशक्त बनाकर एक महिला सेना तैयार की थी।
8. उनका प्रेरक व्यक्तित्व हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना सिखाता है।
9. उन्होंने राष्ट्र के लिए प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देने में कोई संकोच नहीं किया।
10. उनमें गहरा आत्मविश्वास, त्वरित निर्णय क्षमता और जिम्मेदारी की मजबूत भावना देखने को मिलती थी
4. रानी चिन्नमा
1. रानी चिन्नमा भारत के कर्नाटक प्रांत की कित्तूर रियासत की रानी थीं।
2. उन्होंने 1824 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के विरुद्ध विद्रोह किया और ब्रिटिश हड़प नीति का विरोध किया।
3. उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता की लड़ाई में प्रमुख भूमिका निभाई।
4. उन्हें कर्नाटक में एक लोक नायिका के रूप में देखा जाता है।
5. उन्होंने तलवारबाजी, घुड़सवारी और तीरंदाजी का प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
6. वह ब्रिटिश उपनिवेशवाद के विरुद्ध कित्तूर सेना का नेतृत्व करने वाली पहली महिला शासक थीं।
7. भारत सरकार ने 23 अक्टूबर 1977 को उनके सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया था।
8. वह भारत के बहादुर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में से एक थीं।
9. उनका देशप्रेम और साहस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।
10. उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध में असाधारण शौर्य का प्रदर्शन किया।