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कक्षा 6 हिंदी – मेरी माँ पाठ | meri maa।प्रश्न उत्तर, गद्यांश व्याख्या, शब्दार्थ

 

"कक्षा 6 हिंदी मेरी माँ पाठ गद्यांश व्याख्या और प्रश्न उत्तर"

CLASS 6 हिंदी 
पाठ – मेरी माॅं
लेखक – रामप्रसाद ‘बिस्मिल’

गद्यांशों की व्याख्या

दिए गए गद्यांशों को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

1. जन्मदात्री जननी !इस जीवन में तो तुम्हारा ऋण उतारने का प्रयत्न करने का भी अवसर न मिला। इस जन्म में तो क्या यदि मैं अनेक जन्मों में भी सारे जीवन प्रयत्न करूँ तो भी तुमसे उऋण नहीं हो सकता। जिस प्रेम तथा दृढ़ता के साथ तुमने इस तुच्छ जीवन का सुधार किया है, वह अवर्णनीय है।

प्रश्न 1. विलोम शब्द लिखिए -

ऋण, जन्म, तुच्छ, जीवन।

उत्तर-

ऋण—उऋण

जन्म—मृत्यु

तुच्छ—महान्

जीवन—मरण।


प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ बताते हुए वाक्यों में प्रयोग कीजिए-

(i) प्रयत्न, (ii) अवर्णनीय।

उत्तर- (i) प्रयत्न-कोशिश

वाक्य प्रयोग - बिना प्रयत्न किए सफलता नहीं मिलती है

(ii) अवर्णनीय - जिसका वर्णन न किया जा सके।

वाक्य प्रयोग - कश्मीर का सौंदर्य अवर्णनीय है।

2. तुम्हारी दया से ही मैं देश-सेवा में संलग्न हो सका। धार्मिक जीवन में भी तुम्हारे ही प्रोत्साहन ने सहायता दी। जो कुछ शिक्षा मैंने ग्रहण की उसका भी श्रेय तुम्हीं को है। जिस मनोहर रूप से तुम मुझे उपदेश करती थी, उसका स्मरण कर तुम्हारी मंगलमयी मूर्ति का ध्यान आ जाता है और मस्तक झुक जाता है। तुम्हें यदि मुझे ताड़ना भी देनी हुई, तो बड़े स्नेह से हर बात को समझा दिया। यदि मैंने धृष्टतापूर्ण उत्तर दिया तब तुमने प्रेम भरे शब्दों में यही कहा कि तुम्हें जो अच्छा लगे, वह करो, किन्तु ऐसा करना ठीक नहीं, इसका परिणाम अच्छा न होगा। जीवनदात्री ! तुमने इस शरीर को जन्म देकर केवल पालन-पोषण ही नहीं किया बल्कि आत्मिक, धार्मिक तथा सामाजिक उन्नति में तुम्हीं मेरी सदैव सहायक रहीं। जन्म- जन्मांतर परमात्मा ऐसी ही माता दें।  

प्रश्न 1. किसकी दया से बिस्मिल देश-सेवा में संलग्न हो सके ?

उत्तर- अपनी माँ की दया से बिस्मिल देश-सेवा में संलग्न हो सके।  

प्रश्न 2. बिस्मिल को उनकी माता यातना कैसे देती थी ?

उत्तर- बिस्मिल को उनकी माता यातना देती थी तो वह उन्हें बड़े ही स्नेह से हर बात समझा दिया करती थी। वह उनसे कहती थी कि तुम्हें जो अच्छा लगे, वह करो, किन्तु यह चेतावनी भी दे देती थी कि ऐसा करना ठीक नहीं, इसका परिणाम अच्छा न होगा।  

प्रश्न 3. बिस्मिल की उन्नति के पीछे कौन था ?

उत्तर - बिस्मिल की माता ने उन्हें न केवल जन्म देकर उनका पालन-पोषण किया बल्कि वह उनकी आत्मिक, धार्मिक तथा सामाजिक उन्नति में भी सहायक रही।


3. अपने जीवन भर में कोई कष्ट अनुभव न किया। इस संसार में मेरी किसी भी भोग-विलास तथा ऐश्वर्य की इच्छा नहीं। केवल एक इच्छा है, वह यह कि एक बार श्रद्धापूर्वक तुम्हारे चरणों की सेवा करके अपने जीवन को सफल बना लेता। किन्तु यह इच्छा पूर्ण होती नहीं दिखाई देती और तुम्हें मेरी मृत्यु की दुखभरी खबर सुनाई जाएगी। माँ ! मुझे विश्वास है कि तुम यह समझ कर धैर्य धारण करोगी कि तुम्हारा पुत्र माताओं की माता या भारत माता की सेवा में अपने जीवन को बलि-देवी की भेंट कर गया और उसने तुम्हारी कोख कलंकित न की, अपनी प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहा। जब स्वाधीन भारत का इतिहास लिखा जाएगा तो उसके किसी पृष्ठ पर उज्जवल अक्षरों में तुम्हारा भी नाम लिखा जाएगा। गुरु गोबिंद सिंह जी की धर्मपत्नी ने जब अपने पुत्रों की मृत्यु की खबर सुनी तो बहुत प्रसन्न हुई थी और गुरु के नाम पर धर्म-रक्षार्थ कर अपने पुत्रों के बलिदान पर मिठाई बाँटी थी। जन्मदात्री ! वर दो कि अंतिम समय भी मेरा हृदय किसी प्रकार विचलित न हो और तुम्हारे चरण कमलों को प्रणाम कर मैं परमात्मा का स्मरण करता हुआ शरीर त्याग करूँ। 


प्रश्न 1. लेखक की क्या इच्छा थी?

उत्तर— लेखक अपनी माँ की सेवा करके अपना जीवन धन्य करना चाहता था.

प्रश्न 2. विलोम शब्द लिखिए:

स्वाधीन, विश्वास, धर्म, इच्छा

उत्तर–

 * स्वाधीन — पराधीन

 * विश्वास — अविश्वास

 * धर्म — अधर्म

 * इच्छा — अनिच्छा


प्रश्न 3. बिस्मिल ने अपनी माँ की कोख को किस प्रकार कलंकित नहीं किया?

उत्तर— देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान देकर बिस्मिल ने अपनी माँ की कोख को कलंकित नहीं होने दिया.



पाठ से प्रश्न-अभ्यास

मेरी समझ से


नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए–

1. 'किन्तु यह इच्छा पूर्ण होती नहीं दिखाई देती।' बिस्मिल को अपनी किस इच्छा के पूर्ण न होने की आशंका थी?

 * भारत माता के साथ रहने की.

 * अपनी प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहने की.

 * अपनी माँ की जीवनपर्यंत सेवा करने की.

 * भोग विलास तथा ऐश्वर्य भोगने की.

 उत्तर— अपनी माँ की जीवनपर्यंत सेवा करने की.

2. रामप्रसाद बिस्मिल की माँ का सबसे बड़ा आदेश क्या था?

 * देश की सेवा करें.

 * कभी किसी के प्राण न लेना.

 * कभी किसी से छल न करना.

 * सदा सच बोलना.

   उत्तर— कभी किसी के प्राण न लेना.


पंक्तियों पर चर्चा


पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं. इन्हें पढ़कर समझिए और इन पर विचार कीजिए. आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? कक्षा में अपने विचार साझा कीजिए और लिखिए–

(क) "यदि मुझे ऐसी माता न मिलतीं, तो मैं भी अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन निर्वाह करता।"

उत्तर— बिस्मिल को देशभक्ति और राष्ट्र के लिए मर मिटने की प्रेरणा अपनी माँ से ही मिली थी. माँ के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा थी. उन्होंने ही बिस्मिल को असाधारण व्यक्तित्व का बनाया था.

(ख) "उनके इस आदेश की पूर्ति करने के लिए मुझे मजबूरन दो-एक बार अपनी प्रतिज्ञा भंग भी करनी पड़ी थी।"

उत्तर— बिस्मिल की माता जी ने उन्हें यह आदेश दिया था कि वे कभी किसी के प्राण नहीं लेंगे. उन्होंने जो शिक्षा दी थी उसमें उन्होंने यह कहा था कि कभी किसी शत्रु को भी प्राणदंड नहीं मिले. माता के आदेश की वजह से बिस्मिल ने जिन्हें प्राणदंड देने की प्रतिज्ञा ली थी वे उसे पूरा नहीं कर पाए.


मिलकर करें मिलान


पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थ या संदर्भों से मिलाइए. इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या पुस्तकालय या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं.

 उत्तर–

शब्द अर्थ या संदर्भ
1.देवनागरी 4.भारत की एक भाषा-लिपि जिसमें हिन्दी, संस्कृत, मराठी आदि भाषाएँ लिखी जाती हैं.
2.आर्यसमाज 3.महर्षि दयानंद द्वारा स्थापित एक संस्था.
3.मेजिनी 2.इटली के गुप्त राष्ट्रवादी दल का सेनापति, इटली का मसीहा था जिसने लोगों को एक सूत्र में बाँधा.
4.गोबिंद सिंह 1.सिखों के दसवें और अंतिम गुरु थे। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की.

सोच-विचार के लिए

पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और दिए गए प्रश्नों के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए

प्रश्न 1. बिस्मिल की माताजी जब ब्याह कर आईं तो उनकी आयु काफी कम थी।

(क) फिर भी उन्होंने स्वयं को अपने परिवार के अनुकूल कैसे ढाला?
उत्तर– (क) ग्यारह वर्ष की छोटी-सी उम्र में वे विवाह कर अपनी ससुराल आईं थीं। अपनी मेहनत व लगन से उन्होंने गृहकार्यों को सीखा और कुशलता से अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन किया।

(ख) उन्होंने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर स्वयं को कैसे शिक्षित किया?
उत्तर– (ख) बिस्मिल के जन्म के बाद उन्होंने पड़ोस की शिक्षित महिलाओं के सहयोग से हिन्दी भाषा को पढ़ना सीखा। घर के काम से समय निकालकर वह अभ्यास करती थीं। उसके बाद उन्होंने अपने बच्चों को भी पढ़ाया। इस तरह उन्होंने अपने दायित्वों का कुशलता से निर्वहन किया। उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, मेहनत व लगन के बल पर विवाह के बाद पढ़ना-लिखना सीखा।

प्रश्न 2. बिस्मिल को साहसी बनाने में उनकी माताजी ने कैसे सहयोग दिया?
उत्तर– बिस्मिल के चारित्रिक निर्माण में उनकी माँ की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी। लगन, दृढ़ इच्छाशक्ति, परिश्रमी, वीरता, ईमानदारी और देशभक्ति ये सारे गुण उन्हें अपनी माता से मिले। विषम परिस्थितियों से हार न मानना और देश-सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले अपने पुत्र पर उन्हें अभिमान था।

प्रश्न 3. आज से कई दशक पहले बिस्मिल की माँ शिक्षा के महत्व को समझती थीं, बताइए कैसे?
उत्तर– अपनी लगन व दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर स्वयं को शिक्षित कर उनकी माँ ने अपने बच्चों को पढ़ाया-लिखाया। अपनी शिक्षा व आचरण से उन्होंने बिस्मिल के जीवन-मूल्यों को सींचा और उनकी प्रेरणा व प्रोत्साहन से ही उन्होंने धर्म के पथ पर चलते हुए उत्तम शिक्षा प्राप्त की।

प्रश्न 4. हम कैसे कह सकते हैं कि बिस्मिल की माँ स्वतंत्र और उदार विचारों वाली थीं?
उत्तर– बिस्मिल की माँ स्वतंत्र और उदार विचारों वाली महिला थीं। उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा-दीक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने बिस्मिल को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी और उनके प्रोत्साहन से ही वे देश-सेवा के विभिन्न सम्मेलनों में भाग ले सके। स्वतंत्रता संग्राम की विभिन्न क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लेकर उन्होंने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान किया।

शब्द-प्रयोग तरह-तरह के



(क) "माता जी उनसे अक्षर-बोध करतीं।" इस वाक्य में अक्षर-बोध का अर्थ है- अक्षर का बोध या ज्ञान।
एक अन्य वाक्य देखिए- "जो कुछ संमय मिल जाता, उसमें पढ़ना-लिखना करतीं।" इस वाक्य में पढ़ना-लिखना अर्थात् पढ़ना और लिखना।
          हम लेखन में शब्दों को मिलाकर छोटा बना लेते हैं जिससे समय, स्याही, कागज़ आदि की बचत होती है। संक्षेपीकरण मानव का स्वभाव भी है। इस पाठ से ऐसे शब्द खोजकर सूची बनाइए।
उत्तर–
 * डाँट - फटकार
 * काम - काज
 * उठना - बैठना
 * अन्दर - बाहर
 * देश - सेवा
 * पालन - पोषण
 * सेवा - समिति
 * चोरी - छिपे








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